सपन सलोने,
नैनो में
जिया भ्रमर सा डोला है
हँसी ठिठोली, मंगल-गीत
गूँज रहे है घर, अँगना
हल्दी, उबटन तेल, हिना
खनके हाथों का कंगना
खिला शगुन के,
चंदन से
चंचल मुखड़ा भोला है
छेड़ें सखियाँ, थिरक रही
फिर, पैरों की पैंजनिया
बालों में गजरा महके
माथे झूमर ओढ़निया
खुसुर फुसुर की
बतियों ने
कानो में रस घोला है
-शशि पुरवार
जलगाँव (महाराष्ट्र)
नैनो में
जिया भ्रमर सा डोला है
हँसी ठिठोली, मंगल-गीत
गूँज रहे है घर, अँगना
हल्दी, उबटन तेल, हिना
खनके हाथों का कंगना
खिला शगुन के,
चंदन से
चंचल मुखड़ा भोला है
छेड़ें सखियाँ, थिरक रही
फिर, पैरों की पैंजनिया
बालों में गजरा महके
माथे झूमर ओढ़निया
खुसुर फुसुर की
बतियों ने
कानो में रस घोला है
-शशि पुरवार
जलगाँव (महाराष्ट्र)
एक सलोना सा नवगीत, शशि जी हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिये
जवाब देंहटाएंकल्पना जी आपका आभार
हटाएंबहुत ही सुन्दर नवगीत, आपकी मेहनत रंग लायी. बधाई.
जवाब देंहटाएंअनिल जी आपका आभार ,एक प्रयास किया था दुल्हन के भाव पूर्णतः उकेर सकूँ
हटाएंअतिसुन्दर, हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंआपको बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं
नीलकमल जी आपका आभार ,
हटाएंसुन्दर मनभावन नव गीत
जवाब देंहटाएंराजेंद्र जी आपका आशीर्वाद अनमोल है। आभार
हटाएंसुंदर .......
जवाब देंहटाएंमन में खुशियाँ भरती नवगीत :)
सरस्वती पुजा की शुभकामनायें :)
मुकेश जी आपको गीत पसंद आया , धन्यवाद
हटाएंबहुत सुंदर ,भाव प्रधान ,शाब्दिक जादूगिरी ..युक्त ...उम्दा गीत....बधाई और शुभकामनाए की ऐसे ही सुंदर गीतों की रचना चलती रहे
जवाब देंहटाएंसंजय जी आपको गीत पसंद आया , धन्यवाद
हटाएंबसंत का सुंदर आगमन--
जवाब देंहटाएंबहुत मनभावन गीत
उत्कृष्ट प्रस्तुति
बधाई -----
आग्रह है--
वाह !! बसंत--------
ज्योति खरे जी। इस मंच पर आपसे बहुत दिनों बाद मिलना हुआ, आपको गीत पसंद आया आभार।
हटाएंहार्दिक बधाई ..बहुत सुन्दर ..
जवाब देंहटाएंलक्ष्मी नारायण जी आपको गीत पसंद आया आभार।
हटाएंबसंत का सुंदर आगमन--
जवाब देंहटाएंमनभावन गीत
बसंत पंचमी की अनंत हार्दिक शुभकानाएं ---
उत्कृष्ट प्रस्तुति
बधाई -----
सुन्दर बहुत ही सुन्दर नवगीत, शशि जी हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंrachana
रचना बहन बहुत समय बाद आपसे इस मंच पर भेट हुई। आपको गीत पसंद आया आभार।
हटाएंबहुत खूब शशि पुरवार जी, बधाई स्वीकारें
जवाब देंहटाएंसज्जन जी नमस्ते आपसे इसी मंच पर भेट होती है । आपको गीत पसंद आया आभार।
हटाएंखुसुर फुसुर की
जवाब देंहटाएंबतियों ने
कानो में रस घोला है
बहुत सुन्दर ! सार्थक विन्दु आपने पिरोया है शशिजी..
नवगीत के लिए हार्दिक बधाई.
सौरभ जी प्रोत्साहन के दो शब्द भी लेखन और रचनात्मकता बढ़ा देते है , आभार
हटाएंबेहद मासूमियत से शादी के माहौल को जीता है यह सारगर्भित गीत..बधाई शशि जी.
जवाब देंहटाएंपरमेश्वर जी प्रोत्साहन के दो शब्द भी लेखन और रचनात्मकता बढ़ा देते है ,आपका आभार
हटाएंमधुरिम मधुरिम
जवाब देंहटाएंराकेश कौशिक जी ,आपका आभार
हटाएंएक भोला भाला नवगीत | शशि , बधाई स्वीकारें |
जवाब देंहटाएंशशि जी , आपको गीत पसंद आया, आभार
हटाएंशशि पुरवार नवगीत में निरन्तर अच्छे सर्जन की ओर अग्रसर हैं। हार्दिक बधाई ! आलोचनाओं को शक्ति मानकर बढ़े चलो , भविष्य और उज्ज्वल है । इस नवगीत का माधुर्य मनमोहक है !!
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