3 फ़रवरी 2014

३. सपन सलोने

सपन सलोने,
नैनो में
जिया भ्रमर सा डोला है

हँसी ठिठोली, मंगल-गीत
गूँज रहे है घर, अँगना
हल्दी, उबटन तेल, हिना
खनके हाथों का कंगना

खिला शगुन के,
चंदन से
चंचल मुखड़ा भोला है


छेड़ें सखियाँ, थिरक रही
फिर, पैरों की पैंजनिया
बालों में गजरा महके
माथे झूमर ओढ़निया

खुसुर फुसुर की
बतियों ने
कानो में रस घोला है

-शशि पुरवार
जलगाँव (महाराष्ट्र)

30 टिप्‍पणियां:

  1. एक सलोना सा नवगीत, शशि जी हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिये

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  2. अनिल वर्मा, लखनऊ3 फ़रवरी 2014 को 3:55 pm बजे

    बहुत ही सुन्दर नवगीत, आपकी मेहनत रंग लायी. बधाई.

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    1. अनिल जी आपका आभार ,एक प्रयास किया था दुल्हन के भाव पूर्णतः उकेर सकूँ

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  3. अतिसुन्दर, हार्दिक बधाई
    आपको बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं

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    1. राजेंद्र जी आपका आशीर्वाद अनमोल है। आभार

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  5. सुंदर .......
    मन में खुशियाँ भरती नवगीत :)
    सरस्वती पुजा की शुभकामनायें :)

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  6. बहुत सुंदर ,भाव प्रधान ,शाब्दिक जादूगिरी ..युक्त ...उम्दा गीत....बधाई और शुभकामनाए की ऐसे ही सुंदर गीतों की रचना चलती रहे

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  7. बसंत का सुंदर आगमन--
    बहुत मनभावन गीत
    उत्कृष्ट प्रस्तुति
    बधाई -----

    आग्रह है--
    वाह !! बसंत--------

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    1. ज्योति खरे जी। इस मंच पर आपसे बहुत दिनों बाद मिलना हुआ, आपको गीत पसंद आया आभार।

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  8. उत्तर
    1. लक्ष्मी नारायण जी आपको गीत पसंद आया आभार।

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  9. बसंत का सुंदर आगमन--
    मनभावन गीत
    बसंत पंचमी की अनंत हार्दिक शुभकानाएं ---
    उत्कृष्ट प्रस्तुति
    बधाई -----

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  10. सुन्दर बहुत ही सुन्दर नवगीत, शशि जी हार्दिक बधाई
    rachana

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    1. रचना बहन बहुत समय बाद आपसे इस मंच पर भेट हुई। आपको गीत पसंद आया आभार।

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  11. बहुत खूब शशि पुरवार जी, बधाई स्वीकारें

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    1. सज्जन जी नमस्ते आपसे इसी मंच पर भेट होती है । आपको गीत पसंद आया आभार।

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  12. खुसुर फुसुर की
    बतियों ने
    कानो में रस घोला है

    बहुत सुन्दर ! सार्थक विन्दु आपने पिरोया है शशिजी..
    नवगीत के लिए हार्दिक बधाई.

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    1. सौरभ जी प्रोत्साहन के दो शब्द भी लेखन और रचनात्मकता बढ़ा देते है , आभार

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  13. बेहद मासूमियत से शादी के माहौल को जीता है यह सारगर्भित गीत..बधाई शशि जी.

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    1. परमेश्वर जी प्रोत्साहन के दो शब्द भी लेखन और रचनात्मकता बढ़ा देते है ,आपका आभार

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  14. एक भोला भाला नवगीत | शशि , बधाई स्वीकारें |

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  15. शशि पुरवार नवगीत में निरन्तर अच्छे सर्जन की ओर अग्रसर हैं। हार्दिक बधाई ! आलोचनाओं को शक्ति मानकर बढ़े चलो , भविष्य और उज्ज्वल है । इस नवगीत का माधुर्य मनमोहक है !!

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