4 सितंबर 2014

३. एक समय वो आएगा - शशि पाधा

एक समय वो आएगा
जब देख पुरानी तस्वीरें
कोई पेड़ बूझ न पाएगा

पर्वत सजी चट्टानें होंगी
जंगल का कुछ पता नहीं
टूटेंगे सब नीड़ घोंसले
बाग़ बगीची लता नहीं
पुस्तक के इक पन्ने में
कोई पशु खड़ा मुस्काएगा
एक समय वो आएगा

हो जाएँगे तरुवर बौने
गमले में ही रैन बसेरा
न होगी तब ठंडी छैयां
ईंट मीनारें डालें घेरा
पूछेगी धरती बादल से
मीत, बता कब आएगा
एक समय वो आएगा

ढूँढ खोज के रंग रूप तब
बच्चे चित्र बनाएँगे
पीपल बरगद देवदार सब
कथा पात्र हो जाएँगे
किसकी क्या परिभाषा होगी
कौन किसे बतलाएगा
एक समय वो आएगा

- शशि पाधा

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