नवगीत की पाठशाला में आप सबका हार्दिक स्वागत है!
बहुत सुंदर जी
बोल व भाव सुन्दर है, नवगीत के अंतरों के छंद को बनाते समय मात्राओं का ध्यान रखें.थोड़े से अधिक प्रयत्न से अच्छा नवगीत रच सकते हैं.
सुन्दर नवगीत के लिए गिरिमोहन गुरु को हार्दिक वधाई।
प्रांजल भाषा, अभिनव कथ्य मन को छूने वाली रचना .
साहित्य व संस्कृति दोनो को एक साथ धन्य करनेवाले कमल की स्तुति में पं. गिरिमोहन गुरू की प्रस्तुति अत्यंत प्रशंसनीय है। साधुवाद!
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बहुत सुंदर जी
जवाब देंहटाएंबोल व भाव सुन्दर है, नवगीत के अंतरों के छंद को बनाते समय मात्राओं का ध्यान रखें.थोड़े से अधिक प्रयत्न से अच्छा नवगीत रच सकते हैं.
जवाब देंहटाएंसुन्दर नवगीत के लिए गिरिमोहन गुरु को हार्दिक वधाई।
जवाब देंहटाएंप्रांजल भाषा, अभिनव कथ्य मन को छूने वाली रचना .
जवाब देंहटाएंसाहित्य व संस्कृति दोनो को एक साथ धन्य करनेवाले कमल की स्तुति में पं. गिरिमोहन गुरू की प्रस्तुति अत्यंत प्रशंसनीय है। साधुवाद!
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