तुम आए तो जीवन आया
मन में फिर आनंद समाया
गीत रचाया हमने पूरा
लेकिन लगता हमें अधूरा
तुम आए तो सावन आया
शब्दों में फिर बंद समाया
मन में फिर आनंद समाया
मन की क्यारी महक रही थी
साँस हमारी चहक रही थी
आकर तुमने गले लगाया
सुंदर सुर में छंद सुनाया
मन में फिर आनंद समाया
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डॉ. रूपचंद्र शास्त्री मयंक
टनकपुर रोड, खटीमा
ऊधमसिंहनगर, उत्तराखंड, भारत - २६२३०८
मन की क्यारी महक रही थी
जवाब देंहटाएंसाँस हमारी चहक रही थी
आकर तुमने गले लगाया
सुंदर सुर में छंद सुनाया
मन में फिर आनंद समाया
गीत पढ़कर मन मेरा हर्षाया। अति सुन्दर, मयंक जी को बहुत बहुत बधाई।
विमल कुमार हेड़ा।
सुन्दर रचना ..
जवाब देंहटाएंतुम आए तो जीवन आया
मन में फिर आनंद समाया
बड़े ही मृदु शब्दों से गुंथी ये सुन्दर गीत माला बेहतरीन..
सरस मन को छूती गीति रचना... बधाई.
जवाब देंहटाएंबडी मनमोहक रचना है.... धन्यवाद
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर,बेहतरीन व मनमोहक रचना बधाई.
जवाब देंहटाएंमन की क्यारी महक रही थी
साँस हमारी चहक रही थी
आकर तुमने गले लगाया
सुंदर सुर में छंद सुनाया
मन में फिर आनंद समाया
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गीत रचाया हमने पूरा
जवाब देंहटाएंलेकिन लगता हमें अधूरा
तुम आए तो सावन आया
शब्दों में फिर बंद समाया
मन में फिर आनंद समाया
sunder geet
bhadhai
rachana
सुन्दर नवगीत हेतु बधाई।
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