जनमन दुखित अर्थ पीड़ित है
जग में आज शांति शापित है
छिन्न भिन्न संकल्प हो रहे
भूले सारे गीत अनकहे
अब क्या अपनी व्यथा सुनाएँ
कैसे नूतन वर्ष मनाएँ
देख रहा अब मैं परिवर्तन
नभ में हुआ ये कैसा गर्जन
ज्योतिर्माया जगमग आँगन
फिर से नई आस जागी है
चलो पुनः हम शक्ति लगाएँ
फिर से नूतन वर्ष मनाएँ
करें प्रतिज्ञा हम न डरेंगे
मिलकर नवयुग सृजन करेंगे
शंख बजाकर नए साल का
चलो शहीदों को मुंबई के
सब मिल श्रद्धा सुमन चढ़ाएँ
आओ नूतन वर्ष मनाएँ
प्रो. देवेन्द्र मिश्र
सुंदर गीत के लिए बधाई स्वीकार करें।
जवाब देंहटाएंमनभावन अभिव्यक्ति , बधाई ।
जवाब देंहटाएंनववर्ष की शुभकामनायें।
सुन्दर शब्द रचना ....नववर्ष की शुभकामनायें ।
जवाब देंहटाएंsamyik rachna... navgeet hai kya?
जवाब देंहटाएंकरें प्रतिज्ञा हम न डरेंगे
जवाब देंहटाएंमिलकर नवयुग सृजन करेंगे
शंख बजाकर नए साल का
चलो शहीदों को मुंबई के
सब मिल श्रद्धा सुमन चढ़ाएँ
आओ नूतन वर्ष मनाएँ
बहुत खूब... इसी राष्ट्रीय भाव की आवश्यकता है.
पंख लगे
जवाब देंहटाएंसबके सपनों को
नज़र लगे ना
चंदन वन को
सगुन बधावा
बाजे चहुँ दिश
सोन किरिन का
हो अभिनंदन
aap ki asha puri ho naye sal me
badhai
saader
rachana