25 जनवरी 2012

११. सर्द मौसम की कहानी

सर्द रातों में लिखी है
अथक श्रम की नव कहानी
कृषक राजा कह रहा है
सुन रही है अवनि रानी
सर्द मौसम की कहानी

आवृत हो मकर पथ पर
’नित्य’ तेजस बादलों में
ध्येय ज्यों लिपटा हुआ हो
कर्म के अंतस पलों में
किन्तु खेतों में फसल सब
मांगती है उष्ण पानी
सर्द मौसम की कहानी

उल्लसित उड़ती पतंगे
नील नभ पर अनिल में
बंधा डोरी से समय की
जीव जीवन अखिल में
पर्वतों की चोटियों पर
बर्फ़ की चादर सुहानी
सर्द मौसम की कहानी

कृषक राजा कह रहा है
सुन रही है अवनि रानी
सर्द मौसम की कहानी

-श्रीकांत मिश्र कांत
कोलकाता से

11 टिप्‍पणियां:

  1. पर्वतों की चोटियों पर धूप की चादर सुहानी!वाह!! सुदर नवगीत ने सुंदर नज़ारा प्रस्तुत कर दिया है। सुंदर नवगीत के लिए बधाई कान्त जी।

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  2. आवृत हो मकर पथ पर
    ’नित्य’ तेजस बादलों में
    ध्येय ज्यों लिपटा हुआ हो
    कर्म के अंतस पलों में...
    बादलों में लिपटे सूर्य का अनुपम दृश्य दर्शाया है.
    बहुत खूब! बधाई.

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  3. अवनि रानी को "अथक श्रम की नव कहानी" सुनाते कृषक राजा के माध्यम से जग-जीवन में श्रम और श्रमिक की प्रतिष्ठा का आग्रही, सुन्दर गीत !

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  4. परमेश्वर फुँकवाल26 जनवरी 2012 को 10:15 am बजे

    कहानी मनमोहक है आ. श्रीकांत जी. बधाई

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  5. आ० कलपना रमानी जी, शारदा मोंगा जी अश्विनी कुमार विष्णु जी, प्रतिभी जी और प्रमेश्वर फुंकवाल जी .. रचना को उसकी सार्थकता तक पहुंचाने के लिये आपका हार्दिक आभार

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  6. उल्लसित उड़ती पतंगे
    नील नभ पर अनिल में
    बंधा डोरी से समय की
    जीव जीवन अखिल में
    पर्वतों की चोटियों पर
    बर्फ़ की चादर सुहानी
    सर्द मौसम की कहानी
    बहुत सुन्दर
    बधाई
    rachana

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  7. उत्तम द्विवेदी26 जनवरी 2012 को 7:47 pm बजे

    सुंदर नवगीत के लिए श्रीकांत मिश्र जी को बधाई!

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  8. आवृत हो मकर पथ पर
    ’नित्य’ तेजस बादलों में
    ध्येय ज्यों लिपटा हुआ हो
    कर्म के अंतस पलों में
    किन्तु खेतों में फसल सब
    मांगती है उष्ण पानी

    .... अच्छा गीत.

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  9. विमल कुमार हेडा28 जनवरी 2012 को 8:20 am बजे

    सर्द रातों में लिखी है,अथक श्रम की नव कहानी
    कृषक राजा कह रहा है, सुन रही है अवनि रानी
    अति सुन्दर, श्रीकांत जी को बहुत बहुत बधाई
    धन्यवाद
    विमल कुमार हेडा

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