आनेवाले ! स्वागत !
जानेवाले ! विदा !
अगले चौराहे पर इन्तज़ार...
शुक्रिया !
ख़त लिखना- फागुनी बतास जब खुले !
हाँ, लिखना- दूध में गुलाल जब घुले !
लिखना जी : फूले जब हरसिंगार...
शुक्रिया !
बौर लगे आमों का हाल चाल भी लिखना !
मधु मासे बौने मन की उछाल भी लिखना !
लिखना : जब झुक-झूमे नीम-डार...
शुक्रिया !
लिखना : पोखर-तीरे हंस युग्म का होना ।
किरणों सिरहाने रखकर लहरों का सोना ।
लिखना : जब जलकुम्भी हो उधार...
शुक्रिया !
-शलभ श्रीराम सिंह
जानेवाले ! विदा !
अगले चौराहे पर इन्तज़ार...
शुक्रिया !
ख़त लिखना- फागुनी बतास जब खुले !
हाँ, लिखना- दूध में गुलाल जब घुले !
लिखना जी : फूले जब हरसिंगार...
शुक्रिया !
बौर लगे आमों का हाल चाल भी लिखना !
मधु मासे बौने मन की उछाल भी लिखना !
लिखना : जब झुक-झूमे नीम-डार...
शुक्रिया !
लिखना : पोखर-तीरे हंस युग्म का होना ।
किरणों सिरहाने रखकर लहरों का सोना ।
लिखना : जब जलकुम्भी हो उधार...
शुक्रिया !
-शलभ श्रीराम सिंह
आभार भाई जी ।
जवाब देंहटाएंबौर लगे आमों का हाल चाल भी लिखना !
जवाब देंहटाएंमधु मासे बौने मन की उछाल भी लिखना !
बहुत अच्छा गीत है ...पाती लिखने का निवेदन भा गया ...बधाई शलभ श्री राम जी
madhu maas mai uchal ..likhna.sundar geet hai
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर नवगीत है ये शलभ श्रीराम सिंह जी का। उन्हें तो जितनी बार पढ़ो मन नहीं भरता।
जवाब देंहटाएंलिखना : पोखर-तीरे हंस युग्म का होना ।
जवाब देंहटाएंकिरणों सिरहाने रखकर लहरों का सोना ।
सुन्दर गीत के लिये शलभ श्रीराम जी को बहुत बहुत बधाई
धन्यवाद
विमल कुमार हेड़ा।
आदरणीय शलभ जी,
जवाब देंहटाएंख़त लिखना- फागुनी बतास जब खुले !
हाँ, लिखना- दूध में गुलाल जब घुले !
लिखना जी : फूले जब हरसिंगार
पहली बार इस अंदाज़ में लिखा नवगीत पढ़ा | धन्यवाद|
शशि पाधा
पत्र लिखने की लुप्त होती परंपरा के समय में यह अनुरोध भरा गीत बहुत ही अच्छा लगा उस पर प्रकृति का सौन्दर्य ...विविधता लिए...अतिसुन्दर.
जवाब देंहटाएंख़त लिखना- फागुनी बतास जब खुले !
जवाब देंहटाएंहाँ, लिखना- दूध में गुलाल जब घुले !
लिखना जी : फूले जब हरसिंगार...
शुक्रिया !
नए अंदाज का नवगीत
अति सुंदर
लिखते : हाँ जी टिप्पणी
जवाब देंहटाएंआशावादी गीत पत्रात्मक शैली का अद्भुत प्रयोग है .
प्रकृति के चित्रात्मक चित्रण सुंदर है .
लिखते : आपको बधाई .
मंजु गुप्ता
वाशी , नवी मुम्बई .
भारत .
नवगीत के शिल्प को नव आयाम देता, सटीक शब्द-चयन, सम्यक प्रतीक एवं सार्थक बिम्बों से संपन्न इस नवगीत हेतु हार्दिक बधाई.
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