आया फिर
आँगन में रंग लिए फागुन
टेसू हर डाल पर फगुआ सुनाये
पात-पात सुन-सुन के
झूम-झूम जाए
पंछी गुनगुनाने लगे
प्यार भरी धुन
राह तके बालम की रंग लिए गोरी
छोडूँ ना साजन को
खेलूँगी होरी
बजने बेचैन दिखी
पायल छुन-छुन
शिकवे सब, भूल चली मस्तों की टोली
हर दिल को रिझा रही
रंग भरी बोली
प्रीति में खो जाएँ,
आओ हम - तुम
- रोहित रूसिया ( छिन्दवाड़ा )
आँगन में रंग लिए फागुन
टेसू हर डाल पर फगुआ सुनाये
पात-पात सुन-सुन के
झूम-झूम जाए
पंछी गुनगुनाने लगे
प्यार भरी धुन
राह तके बालम की रंग लिए गोरी
छोडूँ ना साजन को
खेलूँगी होरी
बजने बेचैन दिखी
पायल छुन-छुन
शिकवे सब, भूल चली मस्तों की टोली
हर दिल को रिझा रही
रंग भरी बोली
प्रीति में खो जाएँ,
आओ हम - तुम
- रोहित रूसिया ( छिन्दवाड़ा )
sundar geet hai badhai
जवाब देंहटाएंराह तके बालम की रंग लिए गोरी
जवाब देंहटाएंछोडूँ ना साजन को
खेलूँगी होरी
बजने बेचैन दिखी
पायल छुन-छुन .......
बहुत सुन्दर गीत रोहित जी .....
राह तके बालम की रंग लिए गोरी
जवाब देंहटाएंछोडूँ ना साजन को
खेलूँगी होरी
बजने बेचैन दिखी
पायल छुन-छुन ......
खूबसूरत गीत ...............
रोहित जी यहाँ -बजने बेचैन दिखी-वाक्यांश को ठीक कीजिए। यहाँ अपेक्षित अर्थ स्पष्ट नही हो पा रहा है।बाकी गीत सुन्दर है मौलिक भी है।
जवाब देंहटाएंफ़ागुन पर लिखी कविता पढकर मन गदगद हो गया.
जवाब देंहटाएंसुन्दर गीत के साथ होली का आगाज़. टेसू हर डाल पर फगुआ सुनाये
जवाब देंहटाएंपात-पात सुन-सुन के
झूम-झूम जाए
पंछी गुनगुनाने लगे
प्यार भरी धुन.......
सुन्दर पंक्तियाँ
सुन्दर नवगीत के लिए रोहित रुसिया जी को बधाई।
जवाब देंहटाएंBahut pyara geet Rohit ji....
जवाब देंहटाएंसुन्दर नवगीत आ0 रूसिया जी।
जवाब देंहटाएंसुन्दर नवगीत आ0 रूसिया जी।
जवाब देंहटाएंसुंदर नवगीत बधाई
जवाब देंहटाएंरंगों में भीगा हुआ सुंदर और प्यारा गीत....
जवाब देंहटाएंअच्छा गीत है रोहित जी, बधाई
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